झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में दुर्लभ ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन, डॉ. रामसेवक योगी और टीम ने मरीज की जिंदगी बचाई

जानिए कैसे डॉ. रामसेवक योगी और उनकी टीम ने किया चमत्कार, एक दुर्लभ ब्रेन ट्यूमर का सफल इलाज
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. रामसेवक योगी और उनकी टीम ने एक बार फिर मेडिकल क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। कोटा जिले की 40 वर्षीय रेखाबाई, जो तीन महीने से रहस्यमयी सिरदर्द से पीड़ित थीं, उनके मस्तिष्क में पाए गए अत्यंत दुर्लभ और जटिल ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन कर उनकी जान बचाई गई। यह ऑपरेशन न केवल तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि मरीज की जान के लिए भी जोखिम भरा था। डॉ. योगी की निपुणता, टीम का समर्पण और आधुनिक मेडिकल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल इस चमत्कार के पीछे की ताकत है।
डॉ. रामसेवक योगी द्वारा किए गए इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अब राजधानी जयपुर के बड़े अस्पतालों की बराबरी कर सकता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में हुए इस ऑपरेशन से हजारों जरूरतमंदों को बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
दुर्लभ ब्रेन ट्यूमर का ऑपेशन कर मरीज की बचाई जान

जनमत जागरण @ झालावाड़। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग में 10 मई को एक दुर्लभ और अत्यंत जटिल ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। 40 वर्षीय रेखाबाई, जो पिछले तीन महीने से लगातार सिरदर्द की परेशानी से जूझ रही थीं, उनकी जांच में पता चला कि मस्तिष्क के बेहद संवेदनशील क्षेत्र के पास ट्यूमर था, जो ऑपरेशन को खतरनाक बनाता था।
डॉ. रामसेवक योगी ने बताया कि ट्यूमर मस्तिष्क की महत्वपूर्ण रक्त वाहिका के निकट था, जिससे मरीज के एक तरफ हाथ और पैर का काम करना बंद हो सकता था। बावजूद इसके, पूरी टीम ने विशेषज्ञता के साथ ऑपरेशन को सफल बनाया। ऑपरेशन के दौरान मरीज को दो बोतल रक्त चढ़ाया गया।
इस सफल इलाज में डॉ. रामावतार मालव, डॉ. हरीश गुप्ता, डॉ. जोएल, डॉ. चेतन, नर्सिंग ऑफिसर कन्हैया लाल एवं प्रेमलता जी की टीम ने सहयोग किया। यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क कराया गया, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को बेहतर इलाज मिलने का मार्ग खुला है।
डॉ. रामसेवक योगी के नेतृत्व में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की न्यूरोसर्जरी विभाग ने लगातार ऐसे सफल ऑपरेशन कर राजस्थान में मेडिकल सेवा के स्तर को नया आयाम दिया है, जो राजधानी जयपुर के बड़े अस्पतालों में भी चुनौती रहा करता था।