“सुसनेर के शिक्षक शिवलाल दांगी का अनूठा दान – 276 बच्चों को शिक्षा के साथ पदवेश (जुते), दिलों में बस गई गुरु-सेवा की मिसाल”

🌟 जब शिक्षा बन जाए सेवा का पर्याय – शिक्षक शिवलाल दांगी की अनूठी पहल 🌟
“शिक्षा सिर्फ किताबों में नहीं, दिलों में उतरनी चाहिए… और सेवा वही है, जो बिना किसी दिखावे के हो।”
सुसनेर नगर के सराफा बाजार में संचालित सांदीपनि सीए राइज विद्यालय में गुरुवार का दिन बच्चों के लिए कुछ अलग और खास था। यहाँ शिक्षक शिवलाल दांगी ने गुरु की पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़ते हुए एक ऐसा कार्य किया, जिसने “विद्या दान” को “जीवन दान” जैसा अर्थ दे दिया। उन्होंने विद्यालय के 276 विद्यार्थियों को अपने निजी खर्च से पदवेश (जुते )वितरित कर यह संदेश दिया कि शिक्षा के साथ यदि जरूरत की सामग्री भी मिल जाए, तो यह सचमुच सोने पर सुहागा है।

इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि राहुल सिसोदिया, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश जैन, बीईओ मुकेश तिवारी, विद्यालय के प्राचार्य नरेंद्र लौहार, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश हरदेनिया, शिक्षक गिरिराज पाटीदार, पत्रकार संघ ब्लॉक महासचिव दीपक जैन एवं पुनीत शुक्ला सहित कई गणमान्यजन उपस्थित थे। सभी ने मंच से विद्यार्थियों को पदवेश (जुते)वितरित किए। नए जुते पाकर बच्चों के चेहरों पर जो मासूम मुस्कान खिली, वह शिक्षक के प्रयास का सबसे सुंदर प्रतिफल थी।
प्राचार्य नरेंद्र लौहार ने अपने संबोधन में कहा—
“शिक्षक आपको विद्या का दान देते हैं, लेकिन यदि इसके साथ जरूरत की सामग्री का दान करने लगे, तो यह वास्तव में सोने पर सुहागा है।”

बीईओ मुकेश तिवारी और वरिष्ठ पत्रकार मुकेश हरदेनिया ने भी इस पहल को “मानवता का सजीव उदाहरण” बताते हुए सराहना की।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। संचालन शिक्षक अभिषेक पांडे ने किया और आभार स्वयं शिवलाल दांगी ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
यह पहल इस बात की मिसाल है कि जब गुरु अपने शिष्यों के सुख-दुख में साझेदार बन जाता है, तब शिक्षा सचमुच जीवन बदलने वाली शक्ति बन जाती है।