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राजस्थान में 52 ट्रकों में गोवंश तस्करी पर बवाल – अब 21 अप्रैल को सभी जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन देगी मातृशक्ति

जनमत जागरण की नई पत्रकारिता शैली संपादक की दृष्टि से

> (एक संवेदनशील प्रस्तुति – भावना से खबर तक)

“जिस धरा पर नंदी खड़े होते हैं, वहां धर्म टिकता है।
जिस भूमि पर नंदी बैठ जाएं, वहां अधर्म कांप उठता है।
और जब उन्हीं नंदी बाबा की पीड़ा से यह धरा कांप उठे –
तो क्या हम अब भी मौन रहेंगे…?”

प्रिय पाठकगण,
आप नीचे जो समाचार पढ़ने जा रहे हैं, वह केवल गोवंश तस्करी या प्रशासनिक उदासीनता की रिपोर्ट नहीं है। यह उस धर्म चेतना की वेदना है, जो आज हमारे समाज में आहत हो रही है।
यह घटना जिस नंदी बाबा से जुड़ी है, वह कोई सामान्य पशु नहीं – वह भगवान शंकर के वाहन, संयम के प्रतीक, और गौ-परंपरा की जीवंत मूर्ति हैं।
भारतवर्ष में जहाँ-जहाँ नंदी की मूर्ति होती है, वहां देवालय जागृत माने जाते हैं। और इसीलिए जब उन जैसे पावन जीव को ट्रकों में ठूंसकर ले जाया गया, दम घुटने से उनकी मृत्यु हुई, और फिर प्रशासन ने उन्हें न्याय की बजाय मौन दे दिया, तो यह केवल कानून की असफलता नहीं रही – यह हमारी आस्था की अग्नि परीक्षा बन गई।

अब वक्त है – आंखें खोलने का, अब वक्त है – मौन तोड़ने का, अब वक्त है – मातृशक्ति के उठे स्वर को सुनने का।

क्योंकि जब नंदी बाबा पर अन्याय होता है,तो वह केवल गोसेवकों का नहीं, समूचे भारतवर्ष के आत्मसम्मान का प्रश्न बन जाता है।

अब समय है… इस समाचार को केवल “घटना” की तरह नहीं, बल्कि “घटनापूर्वक” देखने का।
कृपया नीचे का समाचार पढ़ें –
धर्म, न्याय और चेतना के इस संघर्ष को आत्मसात करें।


नंदी बाबा की मृत्यु पर मातृशक्ति का आक्रोश – अब राजस्थान में उठेगा गोसंरक्षण आंदोलन

21 अप्रैल को धेनु शक्ति संघ कलेक्टर कार्यालयों पर देगी ज्ञापन – ’52 ट्रकों में भरे नंदी हमारी आत्मा पर हमला हैं’

सुसनेर/पिड़ावा, 19 अप्रैल।
राजस्थान के नागौर से मध्यप्रदेश सीमा की ओर लाई गई 52 ट्रकों में ठूंसकर भरे गए नर गोवंशों की घटना अब गहराता जन-आंदोलन बन चुकी है। नंदी बाबा की दम घुटने से हुई मौत, प्रशासन की चुप्पी और गोसेवकों को डराने की घटनाओं के खिलाफ राजस्थान की मातृशक्ति अब निर्णायक कदम उठाने जा रही है

गोपाल परिवार संघ के महिला संगठन ‘धेनु शक्ति संघ’ की संयोजिका साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती ने बताया कि 21 अप्रैल को राजस्थान के सभी जिलों में महिलाएं जिलाधीश कार्यालयों पर ज्ञापन देंगी।
मुख्यमंत्री के नाम दिए जाने वाले इस ज्ञापन में मांग की जाएगी कि –

  1. दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई हो,
  2. असली किसानों की सूची सार्वजनिक हो,
  3. गोवंशों को गोशालाओं में ही रखा जाए,
  4. गोसेवकों के खिलाफ डराने वाली कार्यवाही बंद की जाए।

एक नंदी की मौत, समाज की आत्मा का सवाल

घटना का मुख्य दर्द यह है कि जिन नंदी महाराजों को धर्म और खेत की सेवा के लिए भेजने का दावा किया जा रहा है, उन्हें अमानवीय ढंग से ट्रकों में ठूंसकर भेजा गया
तीन नंदी बाबा की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि कई घायल अवस्था में हैं।
प्रशासन के अनुसार यह वैध रूप से भेजे जा रहे गोवंश थे, मगर साध्वी निष्ठा गोपाल ने प्रश्न उठाया –
“यदि सब वैध था, तो उन्हें ट्रकों में जानवरों की तरह क्यों ले जाया गया? और यदि किसानों के लिए भेजा गया था, तो उनका नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा?”

उन्होंने स्पष्ट कहा –
“हम अपने खर्चे पर इन गोवंशों को असली किसानों के पास पहुंचाने को तैयार हैं, लेकिन जब तक सत्य सामने नहीं आता – हम इन्हें गौशालाओं से बाहर नहीं जाने देंगे। यह हमारी आस्था और न्याय की लड़ाई है।”

गोसेवकों को धमकाने से भड़का रोष

जहाँ एक ओर धर्म का अपमान हुआ है, वहीं दूसरी ओर गोसेवकों को प्रशासन द्वारा धमकाया जा रहा है। इस पर संगठन ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है और चेतावनी दी है कि यदि यह रवैया नहीं बदला गया, तो आंदोलन को और भी व्यापक स्तर पर फैलाया जाएगा।

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