“ताज मेडिकल के बाद डोंगरगांव में फिर बड़ी कार्रवाई, स्वास्थ्य विभाग पर उठे भरोसे के सवाल” ✍️ क्या स्वास्थ्य विभाग अब पूरे जिले में जागेगा?”

📌 जिले में अवैध क्लीनिकों और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने कई परिवारों की जिंदगी तबाह की – हमारी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें पूरी पड़ताल।
जनमत जागरण @ आगर-मालवा ब्यूरो। ✍️ जिले में अवैध क्लीनिकों और स्वास्थ्य विभाग की ढिलाई का एक और मामला उजागर हुआ है। सोयतकलां के ताज मेडिकल में गलत इंजेक्शन से एक बहू की मौत की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि डोंगरगांव के गुप्ता क्लीनिक पर बेटे के पैर खराब होने का गंभीर आरोप सामने आ गया। दोनों मामलों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों जिले में बिना अनुमति और पंजीयन के संचालित हो रहे ऐसे क्लीनिकों पर समय रहते कार्रवाई नहीं होती?यह कोई पहली बार नहीं है जब जिले में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों के कारण परिवारों को अपनों की जान और स्वास्थ्य गंवाना पड़ा हो। कई बार पीड़ित परिवारों की आवाज़ें उठीं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की फाइलों में उन शिकायतों को दबा दिया गया। अब जब एक के बाद एक गंभीर मामले सामने आ रहे हैं, तो सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग की यह सक्रियता पूरे जिले में टिक पाएगी या फिर यह भी बीते दिनों की तरह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगी?
जनसुनवाई में गूंजा मामला, जांच दल की ताबड़तोड़ कार्रवाई
डोंगरगांव निवासी जगदीश गुर्जर ने जनसुनवाई में शिकायत दी थी कि डॉ. सुदर्शन गुप्ता द्वारा लगाए गए गलत इंजेक्शन से उनके पुत्र के पैर खराब हो गए हैं। इस गंभीर शिकायत पर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने आदेश जारी करते हुए चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया। आदेश क्रमांक नर्सिंग होम/2025/406 दिनांक 15-07-2025 के अनुसार इस दल में राजेश श्रीमाल (नायब तहसीलदार सोयतकलां) को अध्यक्ष बनाया गया। अन्य सदस्यों में डॉ. हरीश आर्य (जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी), थाना प्रभारी सोयतकलां और श्री आयुष पौराणिक शामिल थे।
क्लीनिक पर ड्रिप्स और मेडिकल स्टोर पर भी गिरी गाज
जांच दल ने 16 जुलाई 2025 को डोंगरगांव में औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान क्लीनिक बंद पाया गया, लेकिन वहां पड़ी ड्रिप्स और अन्य चिकित्सा सामग्री ने पूर्व में संचालन के पुख्ता प्रमाण दे दिए। क्लीनिक और मेडिकल स्टोर एक ही हॉल में बिना अनुमति पार्टीशन कर संचालित किए जा रहे थे। इसके चलते जांच दल ने दोनों को सील कर दिया।

ताज मेडिकल-क्लिनिक की अधूरी कार्रवाई ने बढ़ाई चिंता
गौरतलब है कि इससे पहले सोयतकलां के ताज मेडिकल व क्लिनिक पर भी बिना अनुमति और बिना पंजीयन चिकित्सा कार्य करने की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की थी। लेकिन कई दिनों के बाद भी इस कार्रवाई को पूरी तरह अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया। आरोप है कि ताज मेडिकल पर जांच दल की कार्रवाई आधी-अधूरी रह गई और नियमों का पालन कराने में विभाग फिर असफल रहा। अब डोंगरगांव में सामने आया नया मामला यह दर्शाता है कि जिले में अवैध क्लीनिकों की श्रृंखला पर काबू पाने के लिए विभाग के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है।
डिग्री आयुर्वेद की, रजिस्ट्रेशन नहीं
डॉ. सुदर्शन गुप्ता आयुर्वेद में डिग्रीधारी हैं, पर उनके पास क्लिनिक संचालन का पंजीयन नहीं है। यह पहली बार नहीं है जब उनके खिलाफ शिकायत आई हो। पूर्व में भी ग्राम डोंगरगांव के आमिर पिता सलीम खां ने आरोप लगाफंफया था कि गुप्ता द्वारा इलाज करने के कारण उनकी पत्नी के पैरो में लकवा हो गया।
डॉ. गुप्ता का पक्ष
मीडिया से चर्चा में डॉ. सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि अप्रैल 2025 से उनका क्लीनिक बंद है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ की गई शिकायतें असत्य और द्वेषपूर्ण हैं।

🖋️ सार्थक चिंतन
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की यह दुर्दशा कोई नई नहीं है। हर बार जब कोई शिकायत जनसुनवाई में पहुंचती है तब विभाग हरकत में आता है, पर कुछ दिनों बाद वही ढुलमुल रवैया लौट आता है। सोयतकलां के ताज मेडिकल पर अधूरी कार्रवाई और अब डोंगरगांव में उजागर हुई लापरवाही इस बात का सबूत हैं कि स्वास्थ्य विभाग केवल “कागजों पर शेर” बनकर रह गया है। यदि अब भी ठोस और व्यापक कार्रवाई नहीं हुई तो यह अवैध क्लीनिक और मेडिकल स्टोर आमजन की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे और विभाग जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता रहेगा।