“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ अधिकारी मनमोहन जी वैद्य परिवार सहित पहुंचे कामधेनु गो अभयारण्य”

“भगवान गोपालेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, वृक्षारोपण, गौआरती व सात हजार गौमाताओं के दर्शन के साथ अभयारण्य में हुआ विशेष आयोजन”
सुसनेर/17 अगस्त।
धरती पर गौसंरक्षण की अनूठी प्रयोगभूमि जनपद पंचायत सुसनेर स्थित कामधेनु गो अभयारण्य रविवार को एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य माननीय मनमोहन जी वैद्य अपने बड़े भ्राताश्री धनंजय जी वैद्य एवं भाभी श्रीमती रेवती वैद्य के साथ पहुंचे। गौआराधना और राष्ट्रनिष्ठा के संगम का यह दृश्य श्रद्धा और सेवा की मिसाल प्रस्तुत करता रहा।

श्री वैद्य परिवार ने अभयारण्य परिसर में विराजित भगवान गोपालेश्वर महादेव का पूजन एवं रुद्राभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने मंदिर प्रांगण में वृक्षारोपण किया तथा भगवती गोमाता का पूजन एवं आरती कर सात हजार से अधिक गौमाताओं एवं नंदी बाबा के दर्शन किए। आगे बढ़कर अभयारण्य के धन्वंतरि विभाग में विराजित बीमार एवं दुर्घटनाग्रस्त गौमाताओं के दर्शन किए और वहां चल रहे सेवा कार्यों की सराहना की।

माननीय मनमोहन जी वैद्य एवं उनके परिवार का स्वागत कामधेनु गो अभयारण्य के प्रबंध न्यासी डॉ. विक्रम सिंह परिहार, प्रबंधक शिवराज शर्मा, कार्यालय प्रभारी पूनम सिंह एवं श्री कामधेनु गुरुकुलम की प्रधानाचार्य श्रीमती मधुबाला शर्मा ने भगवती गोमाता की छवि भेंटकर किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक श्री गोपाल देराड़ी (आगर), सेवा भारती संचालित प्राकृतिक चिकित्सालय के डॉ. गिरधर पटेल, जीवन बैरागी, राजेश विश्वकर्मा, सोधिया राजपूत समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपाल सिंह सोलंकी एवं भगवान सिंह मोखमपुरा सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

समापन
गो अभयारण्य में मनमोहन जी वैद्य का यह आगमन केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं बल्कि गौसंरक्षण, संस्कृति और सेवा के मूल्यों को नई ऊर्जा देने वाला क्षण माना जा रहा है। यहां किया गया पूजन, वृक्षारोपण और गौसेवा का अवलोकन इस संदेश को मजबूत करता है कि गौमाता केवल आस्था का केंद्र नहीं बल्कि जीवन और प्रकृति संरक्षण की धुरी हैं। वैद्य परिवार का यह सान्निध्य निश्चित ही अभयारण्य और समाज में चल रहे गौसेवा अभियानों को और गति प्रदान करेगा।