“परबतसर न्यायालय में साक्षात नन्दी बाबा का प्राकट्य, साध्वी कपिला सरस्वती सहित 17 गौभक्तों को मिली जमानत”

साक्षात नन्दी बाबा पहुंचे परबतसर न्यायालय परिसर — गोभक्तों को मिला न्याय
— शिवराज शर्मा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, ग्वाल सेवा संघ
सुसनेर/परबतसर/जयपुर।
कभी-कभी न्यायालय केवल कानून की किताबों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वहाँ आस्था और दिव्यता भी उतर आती है। ऐसा ही एक अद्भुत और अलौकिक दृश्य सोमवार प्रातः परबतसर में देखने को मिला, जब स्वयं भगवान भोलेनाथ के प्रिय सेवक साक्षात नन्दी बाबा परबतसर न्यायालय परिसर स्थित अपर लोक अभियोजक विनोद बागड़ा के कार्यालय पहुँचे।

यह दिव्य उपस्थिति उस समय हुई जब हाल ही में वीर तेजाजी पशु मेले में गोवंश की अवैध तस्करी के विरोध में खड़े हुए गौभक्तों व साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती जी पर झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें पुलिस अभिरक्षा में रखा गया था। तीन दिन तक चले इस अन्यायपूर्ण बंधन और न्यायालय अवकाश के बाद, सोमवार को अदालत खुलते ही नन्दी बाबा का साक्षात प्राकट्य हुआ।
अपर लोक अभियोजक बागड़ा जी ने भावुक स्वर में कहा —
“मेरे कार्यालय में कभी नन्दी बाबा का आगमन नहीं हुआ था। लेकिन आज जब मैंने न्यायालय के द्वार खोले तो साक्षात नन्दी बाबा विराजमान थे। यह मेरे जीवन का अलौकिक अनुभव है।”
📌 आध्यात्मिक सन्देश
भारतीय पुराण और शास्त्र स्पष्ट कहते हैं कि गौ एवं ब्राह्मण एक-दूसरे के पूरक हैं। बिना इन दोनों के यज्ञ अधूरा है और धर्म भी अपूर्ण। परबतसर की इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि जब-जब गौवंश और धर्म पर संकट आता है, तब-तब देव शक्ति स्वयं न्याय की चौखट पर दस्तक देती है।
📌 न्यायालयीन निर्णय
नन्दी बाबा की इस दिव्य उपस्थिति और साध्वी कपिला सरस्वती सहित गौभक्तों के तप व त्याग के परिणामस्वरूप, न्यायालय ने सोमवार को सभी 17 गौसेवकों को जमानत प्रदान कर दी।
✨ सार्थक निष्कर्ष
यह केवल एक अदालती कार्यवाही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक घटना बन गई है। यह संदेश देती है कि न्याय की देवी केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि सच्चे धर्मरक्षकों की पुकार सुनकर भी प्रकट होती हैं। परबतसर की यह सुबह इतिहास में एक ‘न्यायिक चमत्कार’ के रूप में दर्ज होगी।