नगर में सुख शांति व समृद्धि के लिए केशुबावजी महाराज की विधि विधान से की पूजा अर्चना
श्री सूर्यवंशी कुमरावत तंबोली समाज के आराध्य देव केशुबावजी महाराज का पांच दिवसीय विवाह महोत्सव का हुआ समापन

जनमत जागरण न्यूज़ @ भानपुरा
नगर के सबसे बड़े पान उत्पादक श्री सूर्यवंशी कुमरावत तंबोली समाज के आराध्य देव केशुबावजी महाराज का पांच दिवसीय विवाह महोत्सव के अंतर्गत पांचवें दिन रविवार 29 अक्टूबर को सुबह से लेकर मध्य रात्रि तक विभिन्न धार्मिक आयोजन के साथ समापन हो गया। आराध्य देव के विवाह एवं विदाई के बाद संपूर्ण समाज ने सुख शांति व समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। केशुबावजी विवाह महोत्सव तंबोली समाज का एक विशेष पर्व है। जो पीढ़ी दर पीढ़ी समाज परंपरागत रूप से आस्था के साथ मनाता आ रहा है।
केशुबावजी विवाह महोत्सव के पांचवें दिन रविवार को समाज की कुलदेवी नागर माता तीर्थ धाम परिसर में सुबह से ही उत्सवी माहौल के बीच कलश की बोलियां व अश्व बोलिया लगाई गई। इसके पश्चात दोपहर 12 बजे के बाद नागर माता तीर्थ धाम परिसर से बैंड बाजा ढोल डीजे आतिशबाजी एवं विभिन्न झांकियां के साथ समाज की भारी उपस्थिति में भव्य शोभायात्रा प्रारंभ हुई। जो नदी मार्ग, रामपुरा गेट, नया बस स्टैंड, झालावाड़ रोड, निमथुर गेट, धानमंडी, सदर बाजार, तंबोली मोहल्ला होते हुए वापस नागर माता परिसर पहुंचकर सायंकाल करीब 5 बजे संपन्न हुई। एवं यहां माताजी की महाआरती के पश्चात पूरे समाज सहित नगर के गणमान्य जनों का सामूहिक भोज का आयोजन संपन्न हुआ।
केशुबावजी विवाह महोत्सव के अंतर्गत नगर में निकाली गई भव्य शौभायात्रा ,ऐतिहासिक स्वागत

नगर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा का पुराने बस स्टैंड पर अंजुमन कमेटी सदर मोहसिन कुरेशी सहित मुस्लिम समुदाय ने तंबोली समाज के पदाधिकारीयों समाज के वरिष्ठ जनों का पुष्प हारो व पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। इसके साथ ही पूरे शोभायात्रा मार्ग में नगर के विभिन्न समाजों व संस्थाओं ने शोभायात्रा में देव विमान में विराजित भगवान का पूजन कर एवं पुष्प वर्षा कर ऐतिहासिक स्वागत किया। पूरे शोभायात्रा मार्ग में जगह-जगह पर शीतल पेयजल एवं ठंडे पेय के स्टॉल विभिन्न समाजों एवं संस्थाओं द्वारा लगाए गए। इसके साथी पूरे मार्ग में कई जगहों पर बिस्कुट आदि सामग्री का वितरण भी किया गया। नगर में निकली तंबोली समाज की गरिमाय भव्य शौभायात्रा की नगर वासियों ने प्रशंसा की।
केशुबावजी महाराज के पांच दिवसी विवाह महोत्सव का धूमधाम के साथ हुआ समापन
आराध्य देव केशुबावजी महाराज के विवाह महोत्सव के अंतर्गत रात्रि करीब 8 बजे तंबोली समाज के श्री राम मंदिर से आराध्य देव के विवाह को लेकर केशुबावजी एवं दुल्हन रूपी सजी-धजी मटकी की समाज की बड़ी उपस्थिति में बिंदोली शौभायात्रा बैंड बाजा ढोल आतिशबाजी के साथ प्रारंभ होकर रामपुरा गेट स्थित दुधाखेड़ी माताजी मंदिर पर पहुंची। यहां महाआरती के पश्चात शोभायात्रा वापस मंदिर के सामने पहुंची। आराध्य देव की बिंदोली शोभायात्रा में समाज की महिलाओं युवक युवतियों ने बैंड बाजा ढोल पर खूब नृत्य किये। इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष कुमार सोजतिया ने आराध्य देव केशुबावजी का पूजन कर दर्शन लाभ लिए। एवं शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। रात्रि करीब 9:30 बजे केशुबावजी महाराज को मंदिर के सामने विराजित कर समाज के प्रत्येक परिवार ने धूमधाम के साथ आराध्य देव की पूरी विधि विधान के साथ आस्था के साथ पूजा अर्चना की। वही मंदिर परिसर में दुल्हन रूपी सजी-धजी मटकी का महिलाओं ने पूजन कि यह दौर रात्रि करीब 11 बजे तक चलता रहा। इस दौरान पूरे तंबोली मोहल्ले में उत्सवी माहौल निर्मित होता रहा। इस दौरान कहीं जगहो पर समाज जनों द्वारा दूध पोहा चाय आदि के स्टाल भी लगाए गए।
आराध्य देव का विवाह मध्य रात्रि में विधि विधान के साथ संपन्न कराया गया
रात्रि करीब 1:30 बजे शुभ मुहूर्त में आराध्य देव केशु बावजी महाराज एवं दुल्हन रूपी सजी-धजी मटकी का विधि विधान के साथ विवाह संपन्न कराया गया। आराध्य देव केशुबावजी महाराज के विवाह का लाभ समाज के करीब 18 युवाओं की एक टीम ने लाभ प्राप्त किया। आराध्य देव के विवाह के पश्चात महा आरती हुई एवं रात्रि करीब 2 बजे बड़ी संख्या में समाज के जन सैलाब के बीच बैंड बाजा ढोल आतिशबाजी एवं जयकारों के साथ आराध्य देव को अगाध आस्था एवं श्रद्धा के साथ विदाई दी गई। इस अवसर पर पूरे तंबोली समाज ने सुख शांति समृद्धि वह खुशहाली की कामनाएं की। छत्री रोड स्थित केशुबावजी पगलिया वाले स्थान पर केशुबावजी का विधि विधान के अनुसार विसर्जन किया गया। एवं समाज के श्री राम मंदिर पर करीब 1 क्विंटल नमकीन का प्रसादी के रूप में वितरण किया गया। केशुबावजी विवाह महोत्सव में स्थानीय तंबोली समाज के साथ विभिन्न स्थानों से तंबोली समाज जन बड़ी संख्या में शामिल हुए। केशुबावजी विवाह महोत्सव समापन धूमधाम के साथ संपन्न हो जाने पर तंबोली समाज अध्यक्ष शिवाजी बंबोरिया, नवयुवक मंडल अध्यक्ष शरद बंबोरिया, सचिन राजेश निंबोदिया, कोषाध्यक्ष अमन भाना,उपाध्यक्ष पन्नालाल भाना, सुनील भानपिया, नितिन मंडकरिया, सह सचिव रिंकू भाना, सचिन कलावड़िया, प्रवक्ता हरिकृष्ण मरमट, पूजा व्यवस्थापक मनीष रुद्रवाल, अर्जुन चंद्रेसिया सहित समाज की महिला मंडल एवं पूरे समाज ने भानपुरा नगर वासीयो नगर के विभिन्न समाज के पदाधिकारी, अंजुमन कमेटी के सभी पदाधिकारी मुस्लिम समाज, पुलिस प्रशासन, प्रशासन, नगर परिषद का आभार व्यक्त किया।
पान की खेती की प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा व सुरक्षा करते हैं केशुबावजी महाराज
अरावली पर्वतमाला के समीप मंदसौर जिले के नगर भानपुरा में विगत सैकड़ो वर्षों से श्री सूर्यवंशी कुमरावत तम्बोली समाज देशी पान (मालवी ) की खेती करता आ रहा है । यहां पर 600 परिवार पान की खेती करते हैं जो पूर्णता देशी पद्धति से पैदा किया जाता है । नगर में मां नानादेवी की स्थापना लगभग 450 वर्ष पूर्व हुई थी ,जब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है । जहां पर पान की खेती होती है वहां पर यह त्यौहार सूर्यवंशी कुमरावत तम्बोली समाज द्वारा सैकड़ों वर्षों से मनाते आ रहे हैं । ऐसी मान्यता है कि पान की खेती की प्राकृतिक और आपदाओं से केशु बावजी महाराज रक्षा व सुरक्षा करते हैं । भगवान केशुबावजी महाराज सभी पान कृषकों की पान की खेती की प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा करते हैं । यह त्यौहार मध्यप्रदेश में भानपुरा ,कुकड़ेश्वर, पड़दा व राजस्थान में झालावाड़, दुधालिया आदि में शरद पूर्णिमा को प्रतिवर्ष बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है ।
कैसे और कब बनाई जाती हैं केशुबावजी की प्रतिमा
आदि काल से समाज जनों द्वारा दशहरा पर्व पर नौ दिनों तक मां नानादेवी की आराधना की जाती है । दशहरे के बाद एकादशी को तम्बोली समाज द्वारा जंगली तुलसी (मरवा ) द्वारा नागर माता परिसर में रात्रि को केशु बाबू जी की प्रतिमा का निर्माण कर गाजी बजे से नगर में लाया जाता है तत्पश्चात चार दिनों तक नगर में प्रत्येक घर पर ढोल द्वारा केशु बावजी व दुल्हन को ले जाया जाता है पूर्णिमा के दिन पूरे नगर में विशाल शोभा यात्रा निकाली जाती है । नगर के सभी तम्बोली समाज जनों द्वारा सामूहिक भंडारा नागर माता परिसर में होता है। रात्रि में केशुबावजी व माता जी का दूल्हा दुल्हन की तरह बिंदोली निकल जाती है पूरे समाज द्वारा इनका पूजन किया जाता है रात्रि 1:00 बजे बाद भगवान केशुबावजी का विवाह संपन्न होता है व महाप्रसादी का वितरण होता है।