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गुना जिले में बेगुनाहों की मौत गुनहगार कौन ..?नियमों को ताक में रखकर चल रही थी निजी बस – न बीमा, न रजिस्ट्रेशन ,न फिटनेस ,17 पर. 2022 से अनफिट थी बस, 13 लोग जिंदा जले, 14 यात्री अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे

जनमत जागरण @ गुना/भोपाल :: मध्य प्रदेश के दिल पर दिल दहलाने वाला हादसा गुना जिले में देर रात हो गया । यहां पर डंपर और बस के आमने-सामने टक्कर में 13 लोग जिंदा जल गए , 14 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है बताया जा रहा है कि उनमें से कई यात्री जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं । बुधवार रात 8 बजे बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई। दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद बस में लगी आग पर काबू पाया जा सका। गुना के एसपी विजय कुमार खत्री ने बताया कि बस में करीब 30 सवारियां थीं। हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। कुल 13 शव मिले। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके थे। इनको बाहर निकालने तक में कर्मचारियों के हाथ कांप रहे थे। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पाएंगे। कलेक्टर ने बताया कि मृतकों की पहचान नहीं हुई है। अस्पताल में भर्ती कई की हालत गंभीर है।

 - न रजिस्ट्रेशन, न बीमा,  न फिटनेस कुछ नहीं :: हादसे का शिकार हुई बस भानु प्रताप सिकरवार के नाम पर रजिस्टर्ड है। बस का रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस खत्म हो गई थी। बस खटारा थी, इसके बावजूद नियमित रूप से यात्रियों को लेकर सड़क पर दौड़ रही थी। इस प्रकार की अवैध वाहनों के पास कोई लीगल डॉक्यूमेंट नहीं होता परंतु कहते हैं कि आरटीओ की पर्ची, हर लीगल डॉक्यूमेंट से ज्यादा मूल्यवान होती है। ऐसे अवैध वाहनों के खिलाफ पूरे मध्य प्रदेश में कहीं कोई कार्रवाई नहीं होती । 
  •• बेगुनाहगारों की मौत का जिम्मेदार कौन...? ••।    प्रदेश भर में हो जांच, नियमानुसार चले बसें :: गुना में जो हादसा हुआ वह बहुत दर्दनाक हादसा है जिनके परिवारों में मौत हुई है, लोग जिंदा जले हैं वह परिवार सदमे में है । ऐसा ऐसा हादसा अब ना हो इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर ऐसी खटारा और अनफिट बसों को तुरंत बंद कर देना चाहिए आगर जिले की भी बात कर तो हम यहां पर भी अगर जिला परिवहन अधिकारी ठीक ढंग से जांच करें तो यहां पर भी कई अनियमितता सामने सकती , कई बसे नियमों का उल्लंघन कर चल रही है तो कई खटारा बस हैं किसी  बस में आपातकालीन द्वार नहीं है तो कहीं मनमानी तरीके से वसूली की जा रही है  कई नियम को ताक में रखकर बस वो का संचालन किया जा रहा है यहां तक कि  परमिट कहां का है और बस एक हां पर चल रही । इन सब बातों से ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं पर रिवर निभा की मिली भगत सही है सारा खेल चल रहा है ।                  •••ऐसी हृदय विदारक घटना मानवता को झक जोर देने वाली घटना के बाद लगता है कि परिवहन विभाग और उड़न दस्ते सबने मानवता को ताक में रखकर ऐसी मौत रुपी बसो को खुले रूप से सड़कों पर दौड़ने के लिए छोड़ रखा है । इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी न किसी की गलती के कारण ही  बेगुनाहों की मौत हुई है। जो भी गुनाहगार हो उस पर तुरंत कार्रवाई कर निर्दोष बेगुनाहों की मौत के जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई होना चाहिए । शायद ऐसा लगता है कि उड़न दस्ते सिर्फ उगाई करने में लगे हुए हो ...? 
- गुनाहगार विभाग ::   परिवहन विभाग में व्याप्त रिश्वतखोरी के कारण गुना में 13 यात्री जिंदा जल गए। मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जाता है और जांच के आदेश दिए हैं परंतु जांच की निष्पक्षता के लिए किसी भी अधिकारी को निलंबित नहीं किया है। जानकारी के मुताबिक, बस नंबर MP08P0199 27 दिसंबर को रात करीब साढ़े 8 बजे गुना से आरोन के लिए निकली । करीब 25 मिनट बाद बजरंगगढ़ थाने से 5 किमी पहले उसकी टक्कर तेज रफ्तार डंपर से हो गई । यह हादसा इतना भयानक था कि टक्कर होते ही बस पलट गई। उसके पलटते ही उसमें आग लग गई । 
  • चारों और चीख-पुकार :: जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था । इस दिल दहला देने वाले हादसे में 13 लोग उसी वक्त जिंदा जल गए थे । बताया जाता है कि सिकरवार ट्रेवल्स की ये बस साल 2022 की 17 फरवरी से अनफिट थी । उसके बावजूद इसे चलाया जा रहा था । चौंकाने वाली बात यह है कि इस बस का बीमा भी नहीं था । इस मामले में आरटीओ की लापरवाही सामने आई है । बस के जल जाने की वजह से शवों की शिनाख्त करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।

प्रदेश सरकार खड़ी है पीड़ित परिवारों के साथ :: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने हादसे की जांच के आदेश दिए। साथ ही मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा- इस हृदय विदारक दुर्घटना में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए दिवंगतों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। दुःख की इस विकट परिस्थिति में प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।इस हादसे पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने बस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं ।

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