•• मेरी झोपड़ी में ‘राम’ ‘ज्योति’ के रूप में आए यह कहते हुए आंखें भर आईं •• सोयत से सरयू तक, हर जगह राम के नाम का अनुष्ठान : राम ज्योति जगमग हुईं नगरी
राम ज्योति के रूप में सबके घर राम आयें, शुरू हुई नये युग की दीपावली•• प्रतिमा में आए प्राण : नगरवासी हुए आत्मविभोर, निकली संकीर्तन यात्राएं ,भगवान रामलला के दिव्य और नव्य धाम में प्राण प्रतिष्ठा पर नगर में दिनभर चला राम नाम का अनुष्ठान
जनमत जागरण @ सोयतकलां ::
जाकर नाम सुनत सुभ होई , मोरे गृह आवाज प्रभु सोई।ध्वज पताक तोरन पुर छावा ,कहि न जाई जेहि भांति बनावा ।
ऐतिहासिक दिन के हम सब साक्षी बने और वह शुभ घड़ी आ गई सोयत से लेकर सरयू तक हर जगह राम नाम का अनुष्ठान चला। सुबह से ही नगर व क्षेत्र में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी उत्साह रहा । नगर के सभी मंदिरों में सुबह उत्सव जैसा माहौल था तो शाम को दीप उत्सव और रात में दिवाली मनाई गई। राम की ज्योति से पूरा नगर जगमग हो उठा । सबको ऐसा लगा कि राम ज्योति के रूप में हमारे घर राम पधारे हैं । 22 जनवरी को हर घर में राम ज्योति जलने के बाद ऐसा लगा मानो अब नए युग की दीपावली की शुरुआत हो गई है । 500 सालों से श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए लोगों ने बलिदान दिए वह शुभ घड़ी 22 जनवरी को 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में जैसे ही प्रतिमा में प्राण आए वैसे ही लोग लोगों की आंखों में खुशियों के आंसू छलक आए । पूरे नगर में हर मंदिर में उत्सव मनाया गया ।
नगर के माधव चौक में स्थित प्राचीन श्री राम मंदिर में धूमधाम से महाआरती का आयोजन किया गया प्रसादी बांटी गई । इसी प्रकार नगर में पंचमुखी बालाजी मंदिर बस स्टैंड पर स्थित वीर हनुमान मंदिर, रमन बिहारी मंदिर, खेड़ी के हनुमान जी का मंदिर पेडियाघाट स्थित नीलकंठ मंदिर, मां 64 माता का मंदिर छोटे बड़े सभी मंदिरों में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दिनभर धार्मिक अनुष्ठान तो रात में राम ज्योति जलाकर नई युग की दीपावली का सुत्रपात किया ।
आंखों से देखा : ‘राम’ “ज्योति” के रूप में मेरी झोपड़ी में आए

प्राण प्रतिष्ठा के बाद सबकी आंखों में खुशियों के आंसू छलक उठे , जैसे ही शाम हुई वैसे ही राम ज्योति से क्षेत्र प्रत्येक गांव प्रत्येक घर राम ज्योति से जगमगा उठा । आतिशबाजी ना छोड़ी गई राम धुन गाकर उत्सव मनाया गया , लेकिन एक दृश्य मन को भाव विभोर कर दिया, वह दृश्य था जब रात को हम एक मित्र की शादी में जा रहे थे तो एक गांव के पास एक सड़क का निर्माण चल रहा था वहां पर मजदूरों ने झोपड़ी बना रखी थी उसे झोपड़ी के सामने राम ज्योति जलती देखी गई। हम रुके और देखा तो उस झोपड़ी के अंदर बैठा परिवार राम ज्योति को टकटकी लगा देख रहा था उसे ज्योति को हाथ जोड़कर प्रणाम कर रहा था और पूरा परिवार ऐसा आभास कर रहा था कि राम ज्योति के रूप में मेरी झोपड़ी में आए हैं । परिवार से जब पूछा तो उसने कहा राम ज्योति के रूप में मेरे झोपड़ी में राम आए हैं जब इस दृश्य को मैंने देखा तो आंखें नम हो गई । वास्तव में पूरे देश भर में प्रत्येक गांव में प्रत्येक घर में इसी भावना के साथ लोगों ने इस नए युग की दीपावली का सूत्रपात किया ।
– नगर में बना सामाजिक समरसता का वातावरण

पिछले एक सप्ताह से नगर में जो स्व प्रेरणा से हिंदू समाज जाग है यह दृश्य वास्तव में अद्भुत, अविश्वसनीय और अलौकिक था नगर के प्रत्येक मोहल्ले में प्रत्येक मंदिर पर सर्व समाज के द्वारा ऐसा वातावरण निर्मित कर दिया मानो पूरा नगर समरसता की नदी समरस होकर में डुबकी लगा रहा हूं । सुबह से लेकर देर रात तक नगर में इतना उत्साह कभी नहीं देखा गया प्रत्येक घर में प्रत्येक परिवार सुबह से राम नाम का अनुष्ठान कर रहे थे तो वही रात को नए युग की दीपावली मना कर राम ज्योति के रूप में प्रभु श्री राम को अपने घर आता हुआ देख रहे थे ।