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शाही सवारी नर्मदेश्वर महादेव: सोयतकलां में भादौ के पहले सोमवार पर साक्षात हरिहर का संगम, देखें यह अद्भुत अविस्मरणीय दिव्य क्षण”


अद्भुत अविस्मरणीय क्षण : छत्री चौक पर हुआ हरिहर मिलन

राजसी ठाट-बांट से घर-घर दर्शन देने पहुँचे बाबा नर्मदेश्वर महादेव

बायी ओर भगवान विष्णु का विमान दाई ओर नर्मदेश्वर महादेव की पालकी, – मानो साक्षात हरिहर का दिव्य संगम। दिव्य क्षण के दौरान महाआरती करते हुए पुजारी ।

जनमत जागरण @ सोयतकलां।
भौतिक प्रगति के इस तेज़ रफ्तार युग में, जब जीवन की दिशा अक्सर सांसारिक उपलब्धियों तक सीमित हो जाती है, सोयतकलां में पंचमुखी आश्रम एवं पंचमुखी बालाजी मंदिर समिति का यह प्रथम भव्य प्रयास एक जीवंत संदेश बनकर सामने आया। पहली बार निकली शाही सवारी न केवल नगरवासियों की एकता और सहभागिता का प्रतीक बनी, बल्कि छत्री चौक पर घटित हरिहर मिलन—नर्मदेश्वर महादेव और भगवान विष्णु का साक्षात संगम—ने यह स्पष्ट किया कि आध्यात्मिक उन्नति ही सच्ची प्रगति का मार्ग है। यह दुर्लभ संयोग हमें स्मरण कराता है कि जब समाज धर्म, संस्कृति और भक्ति के सूत्र में बंधकर आगे बढ़ता है, तभी वह भौतिक उपलब्धियों के साथ-साथ आत्मिक उत्कर्ष की ओर भी अग्रसर होता है। इस आयोजन ने न केवल नगर में धार्मिक चेतना जगाई, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह संदेश भी छोड़ गया कि पर्व-त्योहार केवल परंपरा निभाने का अवसर नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने और आत्मा को ऊँचा उठाने का माध्यम हैं।


शाही सवारी का भव्य आयोजन

भादौ मास के प्रथम सोमवार पर पंचमुखी बालाजी मंदिर एवं पंचमुखी आश्रम समिति के तत्वावधान में नगर की पावन गलियों में पहली बार भव्य शाही सवारी निकाली गई। सुबह से ही समिति द्वारा बाबा नर्मदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक, आकर्षक श्रृंगार, विशेष पूजन और आरती संपन्न की गई। इसके बाद बाबा भूतों की बारात, आकर्षक झांकियों, धर्मपताका, बैण्ड-बाजे, डीजे, ढोल-ढमाके और भजन-कीर्तन की सुरलहरियों के बीच नगर भ्रमण पर निकले।

फूलों से सजी पालकी में विराजमान होकर बाबा नर्मदेश्वर महादेव जब अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकले, तो नगरवासियों ने पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत किया। भक्तों ने अपने प्रतिष्ठानों और घरों के सामने पूजन-आरती कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। हर ओर “हर-हर महादेव”, “बम-बम बोले”, “ॐ नमः शिवाय” के जयघोष गूंजते रहे।


छत्री चौक का अद्वितीय संगम

शाही सवारी के दौरान सबसे अद्भुत क्षण तब आया, जब पालकी छत्री चौक पहुँची। यहां स्थित उत्तरमुखी भगवान श्री गणेश मंदिर के समीप, पास ही के लक्ष्मीनारायण मंदिर से अचानक भगवान विष्णु का देवविमान प्रस्थान कर रहा था।
एक ओर नर्मदेश्वर महादेव की पालकी, दूसरी ओर भगवान विष्णु का विमान – मानो साक्षात हरिहर का दिव्य संगम।
यह दृश्य देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। लगा जैसे स्वयं समय ने ठहरकर इस क्षण को अमर कर दिया हो। भक्तों ने जयकारों और पुष्पवर्षा के साथ इस अद्वितीय मिलन का स्वागत किया।

बजरंग अखाड़ा संधारा (भानपुरा ) की सेवाभावी टोली बनी आकर्षण का केंद्र

भानपुरा के पास संधारा गांव से आई एक सेवाभावी आध्यात्मिक टोली बजरंग अखाड़ा महाकाल मित्र मंडल ने सवारी में अलग ही रंग भर दिया। भोलेनाथ के विविध स्वरूपों में सजे कलाकार, ढोल-मजीरे और नगाड़ों की धुन पर नृत्य करते हुए आगे-आगे चल रहे थे। उनकी भक्ति-मय प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। बजरंग अखाड़े के प्रमुख महावीर पाटीदार ने बताया कि पिछले 4 सलों से इसी प्रकार से महाकाल की सेवा कर रहे हैं।‌ शाही सवारी के लिए हमारी पूरी टीम पालकी लेकर पहुंच जाती है।


सवारी का भव्य समापन

संध्या को पंचमुखी मंदिर पहुँचकर महाआरती एवं महाप्रसादी वितरण के साथ शाही सवारी का समापन हुआ।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से आए हजारों श्रद्धालु और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी व पुलिस बल पूरी मुस्तैदी के साथ उपस्थित रहे।


🕉️ सार्थक चिंतन
“भौतिक प्रगति का असली अर्थ तभी है, जब उसके साथ आध्यात्मिक जागृति भी हो। हरिहर का यह दिव्य संगम हमें स्मरण कराता है कि धर्म और संस्कृति से जुड़कर ही समाज अपनी जड़ों को मजबूत कर, आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।”


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